सामान्य बात :-
अगर बात की जाए इंसान के उसके सारे संबंधों के आधार की तो, उसके सारे संबंधों का आधार है “अपेक्षा” ! इंसान उसी को प्यार भी कर पाता है जो उसकी “अपेक्षा” पूरा करता है ।
महत्वपूर्ण बात :-
खास बात तो यह है, कि यहां, “अपेक्षा” की नियति ही है, भंग होना । क्योंकि “अपेक्षा” इंसान के “मस्तिष्क” में जन्म लेता है, कोई दूसरे व्यक्ति उसके “अपेक्षाओं” के बारे में जान ही नहीं पाता ।
सामान्य बात :-
हर इंसान को, “अपेक्षा” पूरा करने की प्रमाणिक इच्छा ही क्यों ना हो, तब भी कोई इंसान किसी की “अपेक्षाओं” को, पूरा कर नहीं पाता ।
महत्वपूर्ण बात :-
इंसान के जितने भी “संबंध” है, सारे के सारे “संबंध“, संघर्ष में बदल जाते हैं । पर इंसान जो है वह “अपेक्षा” को “संबंध” का आधार बना लेता है लेकिन अगर वह “अपेक्षा” को “संबंध” का आधार ना बनाएं । और स्वीकार करें, केवल “संबंध” का आधार ! तो क्या यह जीवन, अपने आप, सुख और शांति से नहीं भर जाएगा । एक बार इसके बारे में जरूर सोचे और इस पर विचार करके अपने जीवन में जरूर अपनाएं ।
Baat to ak dam sahi hai…👍
thanks
Great🔥🔥🔥….
thanks…